खड़े तक होते नहीं बन रहा था फिर ब्रॉन्ज जीतकर रचा इतिहास

नई दिल्ली : शुक्रवार को एशियाई खेल 2018 में भारतीय रोअर दुष्यंत चौहान ने पुरुषों की रोइंग सिंगल्स स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देशवासियों को खुश कर दिया.  हालांकि उन्होंने कांस्य पदक ही जीता है. लेकिन इन सब के बीच हैरान करने वाली बात यह है कि  दुष्यंत सिंह इस ऐतिहासिक जीत के बाद ठीक से खड़े तक नहीं हो पा रहे थे. 

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बता दें कि दुष्यंत चौहान का मेडल मौजूदा एशियाई खेलों में रोइंग स्पर्धा में पहला मेडल भी रहा. दुष्यंत ने 1000 मीटर का सफर केवल  3:36.22 के समय में ख़तम कर लिया. इसके साथ ही 1500 मीटर की दूरी उन्होंने 5:26.02 के समय में समाप्त कर ली. इस तरह उन्होंने 7:18.76 के समय में रोइंग सिंगल्स स्पर्धा खत्म की.

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इस स्पर्धा में कोरिया के ह्यूनसु पार्क और हांगकांग के चुन गन चियु ने क्रमश: गोल्ड व सिल्वर मेडल अपने नाम किया. ज्ञात हो कि दुष्यंत सिंह ने साल 2012 रुड़की में स्थित आर्मी ट्रेनिंग कैंप से रोइंग की शुरुआत की थी. पिछली बार दक्षिण कोरिया (2014) में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने पहली बार ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था. इससे पहले साल 2013 में बेस्ट रोवर का खिताब जीतकर वह नेशनल चैंपियन बने थे.

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