बच्चो को बुखार आने पर अपनाए यह सावधानियां

ठण्ड के आते ही माता पिता को अपने बच्चे की सुरक्षा की चिंता सताने लगती हैं. बच्चे बड़ो के मुकाबले ठण्ड सहने में कमजोर होते हैं. जिसके चलते उन्हें सर्दी और बुखार जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता हैं. यदि आपका बच्चा भी बुखार से पीड़ित हैं तो आप निचे बाताई गई बातो को ध्यान से पड़े और उनका पालन करे.

बच्चे के माथे मात्र को छू कर यह अंदाजा लगाना कठिन होता हैं कि उसके शरीर का तापमान कितना अधिक बड़ा हैं. इसके लिए आप डिजिटल थर्मामीटर का उपयोग करे. दिन के अलग अलग समयों पर बच्चे के शरीर का तापमान नोट कर के रख ले.    बुखार के होते ही बच्चो के खाने पिने पर असर पड़ना शुरू हो जाता हैं. उन्हें खाने के स्वाद में फर्क लगने लगता हैं और खाना खाने की रूचि भी ख़त्म हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें जबरदस्ती ना खिलाए. बल्कि थोड़ा थोड़ा कर दिन भर में खिलाए. इसके अलावा फलों का रस और पानी भरपूर मात्रा में दे.    यदि बच्चे की उम्र चार साल से कम हो तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के मन से कोई भी सर्दी या बुखार की गोली ना दे.    18 साल से कम उम्र के बच्चो को कभी भी एस्प्रिन की गोली ना दे. ऐसा करने से बच्चे को दुर्लभ मगर जानलेवा बिमारी रे सिंड्रोम हो सकता हैं.    साफ़ सफाई का विशेष तोर पर ख्याल रखे. बच्चे के कपड़ो से लेकर उसका बेड सब कुछ साफ़ रखे. अन्यथा संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता हैं.    यदि बुखार तेज हो या तीन चार दिनों से ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे और आगे के इलाज की कारवाई करे.

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