इंदौर : जिस विक्रम अग्हिोत्री को पैरों से कार चलाने का लाइसेंस मांगने के लिये मशक्कत करना पड़ रही थी, उसका उस काम एक ही झटके में उस वक्त बन गया, जब विक्रम ने अपनी कार में उप परिवहन आयुक्त को बैठाकर कार चलाने का हुनर दिखाया। विक्रम ने न केवल पैरों से कार को भीड़ भरे बाजारों में दौड़ाया बल्कि गली, मोहल्लों में भी वह आयुक्त को बैठाकर ले गया। इसके बाद आयुक्त महोदय ने उसे लाइसेंस देने के आदेश जारी कर दिये। लाइसेंस मिलने के बाद विक्रम के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। चक्कर पर चक्कर लगाये थे विक्रम ने बताया कि वह वर्ष 2014 से ही पैरों से कार चलाने के लिये लाइसेंस मांग रहा है और इसके लिये उसने आरटीओ कार्यालय से लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री तक के यहां चक्कर पर चक्कर लगाये, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। विक्रम के अनुसार परेशान होकर उसने केन्द्रीय परिवहन मंत्री और परिवहन मंत्रालय में भी अपनी मांग रखी थी। इसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया गया था। लेकिन नियम ट्रायल लेने का था, इसके चलते शुक्रवार को उसका ट्रायल लिया गया था। इसमें सफल होने के बाद विक्रम को तुरंत ही लाइसेंस जारी कर दिया गया।