गांव की मिट्टी में होगी कलाम की अंत्येष्टि

नई दिल्ली : भारत रत्न और देश के पूर्व राष्ट्रपति डाॅक्टर एपीजे कलाम के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली से रामेश्वरम् के लिए रवाना कर दिया गया। इस दौरान डाॅक्टर कलाम उनके अपने गांव में सुपुर्दे खाक किए जाऐंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डाॅ. कलाम के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि बीते दिन पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. कलाम का शिलांग स्थित आईआईएम के कार्यक्रम में हार्ट अटैक आ जाने से निधन हो गया। जिसके बाद कलाम द्वारा जिस स्कूल में शिक्षा ली गई तमिलनाडु के उसी स्कूल में डाॅक्टर कलाम का पार्थिव शरीर लोगों के दर्शनार्थ रखा गया है। डाॅक्टर कलाम को यहां कई लोग याद कर रहे हैं। 

मिली जानकारी के अनुसार रामनाथपुरम् के स्वार्टज हायर सेकंडरी स्कूल के प्रिसीपल टी. पाॅल मारन डाॅ. को याद करते हैं तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं। स्कूल परिसर में डाॅ. कलाम का एक बड़ा सा फोटो लगा है। डाॅक्टर कलाम बच्चों को पढ़ाने के लिए भी जाने जाते हैं। मगर बच्चों को पढ़ाने वाले डाॅक्टर कलाम अपने गुरूओं का भी बहुत सम्मान करते थे। वे अपने बचपन के मित्रों में से एक वी स्टीफन के पिता और टीचरजे इसाक वेलामुथु के बारे में पूछा और एक अन्य व्यक्ति की ओर इशारा किया। उसके कुछ देर बाद डाॅक्टर कलाम उन्हेंपहचान गए और उनके कंधे पर हाथ रखा। 

डाॅ.कलाम को लेकर उनके भाई एपीजे एम माराईयार भी काफी बातें करते हैं वे भी 96 वर्ष के हो चुके हैं और डाॅक्टर कलाम के साथ बातें करते समय अपनी बेटी से स्पीकर आॅन करने के लिए कहते थे दरअसल उन्हें सुनाई कम देता था मगर डाॅक्टर कलाम गांव में भी सामाजिक जनजागरण में भागीदार रहे। पोकरण में परमाणु परीक्षण की बात हो या मिसाईलों के परीक्षण की डाॅक्टर कलाम हमेशा इन कामों में लगे रहते थे। अमेरिका को चकमा देने के लिए पोकरण परमाणु परीक्षण के दौरान डाॅक्टर कलाम ने सेना की वर्दी धारण कर रखी थी। 

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