कलाम IIM के स्टूडेंट्स को नहीं दे पाये लास्ट असाइनमेंट

नई दिल्ली : कलाम भारत के वो बेशक़ीमती हीरा थे जिसका मूल्य कोई जोहरी नहीं लगा सकता. कल शाम कलाम ने इस दुनिया से  अलविदा कह दिया.कलाम हमेशा कहते है थे कि हमे अपने जीवन में हर दिन कुछ नया खोजना चाहिए और जाते-जाते वो राष्ट्रवासियों को खोज के लिए के महत्वपूर्ण विषय दे गए. कि इस दुनिया को किस तरह जीवन जीने लायक बनाया जाए ?

कलाम अपने आखिरी समय तक देश के बेहतर भविष्य के लिए चिंतित थे. कलाम के करीबी सृजनपाल सिंह ने जानकारी दी कि कलाम संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर काफी चिंतित थे और इसका निदान खोज रहे थे.

नहीं दे पाये छात्रों को लास्ट असाइनमेंट  कलाम की दो पुस्तकों में सह-लेखन कर चुके सृजनपाल सिंह ने जानकारी दी कि कलाम ने IIM के स्टूडेंट्स को एक सरप्राइज असाइनमेंट देने की योजना बनाई थी. उन्होंने सोचा था कि वे छात्रों को संसद के गतिरोध को किस तरह समाप्त किया जाए इस पर चर्चा करेंगे और उनसे नए उपाये खोजने को कहेंगे. जिससे संसद के गतिरोध को समाप्त किया जा सके. लेकिन वो छात्रों को ये असाइनमेंट नहीं दे पाये.

कलाम ने अपने पुरे जीवन में सतत प्रयास, अथक परिश्रम से बड़ी सफलता प्राप्त की. उन्हें छात्रों से बेहद लगाव था और अपनी अंतिम सांसे भी अपने चहेतो के बीच ली. वे हमेशा छात्रों को जीवन में तीन चीजो पर ध्यान देने को कहा,

1.सफलता का रहस्य-सही निर्णय से

2.सही निर्णय कैसे-अनुभव से

3.अनभव कैसे मिलेगा- गलत निर्णय से.

उनका मानना था कि इन तीन सूत्रों से जीवन में हर मुकाम हासिल किया जा सकता है. कलाम का सम्पूर्ण जीवन एक प्रेरणा है.

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