घर के अंदर ना रखे केले का पौधा

केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है सात गुरुवार नियमित रूप से केले की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. गुरुवार के दिन इसीलिेए केला के वृक्ष की पूजा की जाती है.

माना जाता है कि अगर केले की वृक्ष की पूजा विधि-विधान और श्रृद्धा के साथ की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों सुख समृद्धि और शांति का वर प्राप्त होता है. केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है.

माना जाता है कि केले की पूजा करने से गुरु दोष भी समाप्त होता है. अत: घर केले की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. कुछ जगह पर घर में यानी कि घर के अन्दर केले का पौधा नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि गृह स्वामी के उत्थान में बाधक होता है. इसे आंगन में लगाने का विधान है. इसकी पूजा विधि-विधान से करन चाहिए.

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मौन पालन कर स्नान करें और केले के वृक्ष को प्रणाम कर जल चढ़ाएं. इसके बाद हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ समर्पित करें. कुंकू, अक्षत, पुष्प आदि चढ़ाएं और परिक्रमा करें. इस बात का ध्यान रखें कि घर के आंगन के वृक्ष को छोड़ बाहर किसी जगह लगा हो केला का वृक्ष वहां पर ये पूजा करनी चाहिए. इस तरह पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है.

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