राजनीति में हो रहा चुनावी चंदे का धंधा!

नई दिल्ली : भारत के राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों के दौरान उम्मीदवारों और पार्टी की आय के ही साथ चुनाव में लगने वाले खर्च का ब्यौरा दिया जाता है। आप यह जानकर हैरान रह जाते होंगे कि आखिर पार्टियां अपना फंड कहां से जुटाती हैं। दरअसल ये पार्टियां अपनी आय चंदे के माध्यम से जुटाती होंगी। हाल ही में एसोसिएशन फॉर डमोक्रेटिक रिफॉर्म ने एक शोध किया। जिसमे यह बात सवाल के तौर पर सामने आई कि आखिर ये दल चंदे के लिए धन कैसे जुटाते हैं और इनका खर्चा किस तरह का होता है।

इस मामले में वर्ष 2004 से 2015 के बीच हुए विभिन्न राज्यों में करीब 71 विधानसभा और तीन लोकसभा चुनाव में रकम जुटाई गई है। इस राशि को कई तरह से खर्च भी किया गया है। दरअसल विभिन्न पार्टियों ने 11 साल में विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान जो भी रकम ली गई उसका करीब 63 प्रतिशत भाग नकदी रहा। दरअसल यह सब 2100 करोड़ रूपए कही गई है।

इस दौरान करीब तीन लोकसभा चुनाव आयोजित हुए जिसमें नकदी 44 प्रतिशत थी। नकद राशि का आंकलने करीब 1000 करोड़ रूपए रहा है। एडीआर के आंकड़ों द्वारा कहा गया है कि वर्ष 2004 से 2015 के बीच 71 राज्य विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने नकदी क ज़रिये 2107.80 करोड़ रूपए जमा कर दिए।

वर्ष 2004, 2009, 2014 के लिए 1039.06 करोड़ रूपए की नकदी ली गई। समाजवादी पार्टी द्वारा इस तरह के चुनाव में पार्टी ने 186.8 करोड़ रूपए जुटाए तो दूसरी ओर 96.54 करोड़ रूपए खर्च भी कर दिए। एसे ही सर्वाधिक खर्चा करने वाले में आप दूसरे स्थान पर रही। आप को 38.54 करोड़ रूपए मिले। तो उसने 22.66 करोड रूपए खर्च कर दिए।

Related News