शाम के समय घर को ना रखे अँधेरे में

ऐसा माना जाता है की शाम के समय घर में अंधेरा होना अशुभ होता है.क्योंकि सूर्यास्त का समय या संध्या का समय शास्त्रों के अनुसार भगवान की आराधना का समय माना गया है. संध्या के समय घर में दीपक लगाना या प्रकाश करना भी जरूरी माना जाता है.

संध्या पूजन के लिए प्रात:काल का समय सूर्योदय से छह घटी तक, मध्याह्न 12 घटी तक अौर सायंकाल 20 घटी तक जाना जाता है. एक घटी में 24 मिनट होते हैं. प्रात:काल में तारों के रहते हुए, मध्याह्नï में जब सूर्य मध्य में हो और सायं सूर्यास्त के पहले संध्या करना चाहिए. संध्या से तात्पर्य पूजा या भगवान को याद करने से हैं. शास्त्रों की मान्यता है कि नियमपूर्वक संध्या करने से पाप खत्म होते हैं और ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है.

रात या दिन में हम से जाने अनजाने जो बुरे काम हो जाते हैं, वे त्रिकाल संध्या से नष्ट हो जाते है. घर में संध्या के दीपक जलाना या प्रकाश रखना आवश्यक माना गया है, क्योंकि घर में शाम के समय अंधेरा रखने पर घर में नकारात्मक ऊर्जा का स्थाई निवास होता है. घर में बरकत नहीं रहती और अलक्ष्मी का वास होता है. इसलिए शाम को घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए.

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