आज ज़माना जानें कहाँ से कहाँ पहुँच रहा है. हर एक दिन किसी न किसी क्षेत्र में विकास हो रहा है . नई-नई टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है .इसी के चलते साउंड इंजीनियरिंग में भी काफी स्कोप है. जिसकी मदद से आप अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते है . साउंड इंजीनियरिंग क्या है? यह इंजीनियरिंग का एक ब्रांच है, इसमें म्यूजिक, मूवी और थियेटर की रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग और रिप्रोडक्शन से जुड़ी चीजें पढ़ाई जाती है. यह फील्ड दूसरे फील्डों की अपेक्षा चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन काफी मजेदार है. साउंड इंजीनियरिंग के तहत म्यूजिक, स्पीच और स्टूडियो के साउंड को हाई क्वालिटी का बनाना होता है. इसके लिए फिल्मों, रेडियो और टेलिविजन में कई तरह के टेक्निकल इंस्ट्रूमेंट्स उपयोग किए जाते हैं. कौन कर सकता है यह कोर्स: वे उम्मीदवार जो 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथेमेटिक्स से पास हैं, वे साउंड इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल सकते हैं. इसके अलावा उसके बाद चाहें तो इसमें मास्टर डिग्री भी हासिल कर सकते हैं. जॉब रोल्स: साउंड इंजीनियर ऑडियो इंजीनियर स्टूडियो मैनेजर असिस्टेंट इंजीनियर मल्टीमीडिया डेवलपर स्टूडियो डिजाइनर स्टूडियो टेक्निशियन साउंड इंजीनियरिंग के कोर्सेज करवाने वाले इंस्टीट्यूट: IIT खड़गपुर फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड फाइन आर्ट्स, कोलकाता एशियन अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलिविजन, नई दिल्ली