रात में भूल से भी न करें यह गलती वरना अन्जाम आपको ही भुगतना है

अपने जीवन मे हर इंसान किसी न किसी प्रकार की परेशानी से हमेशा परेशान रहता है। उसकी एक परेशानी खत्म नहीं होती और दूसरी परेशानी आ जाती है। ऐसे में मन मे ंबस यही सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या करेे कि परेशानी आने से पहले ही खत्म हो जाए। दरअसल ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन परेशानीयों का कारण आप खुद भी हो सकते हैं आपकी कुछ अनजानी गलतियां ही आपको इन परेशानी का भागीदार बनाती है। अगर आप इन गलतियों को करने से बचते हैं तो निश्चित ही आने वाली परेशानी पहले ही खत्म हो जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि कौन सी वह गलतियां है जो आमतौर पर हम सभी अनजाने में कर बैठते हैं। यहां पर हम आपको बतादें कि जिस गलतियों कि हम बात कर रहे हैं वह रात को की जाने वाली गलती है जिसे शास्त्र के अनुसार कदापि नहीं करना चाहिए।

1  दिन ढलने के बाद व्यक्ति को अपने घर में ही रहना चाहिए। अगर किसी कार्यवश बाहर जाना हो तो परिवार के सदस्य आदि को साथ लेकर जाना चाहिए। शास्त्रों में स्त्री व पुरुष दोनों के लिए कहा गया है कि वे एकांत में किसी से मिलने न जाएं। खासतौर से किसी अजनबी अथवा बुरे चरित्र वाले मनुष्य के साथ मुलाकात नहीं करनी चाहिए। इसका अशुभ परिणाम मिलता है। साथ ही कोई अनिष्ट भी घटित हो सकता है।

2 केश भी मनुष्य की शोभा बढ़ाते हैं। महिलाओं के लिए केशों के संबंध में विभिन्न धर्म के ग्रंथों में अनेक उपयोगी बातें कही गई हैं। रात्रि को खुले केश रखने का शास्त्रों में निषेध किया गया है। माना जाता है कि इसका जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। खुले केश नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। ये भाग्योदय में बाधक होते हैं।

3 प्रायः श्मशान का दृश्य बहुत भयानक होता है। वहां का वातावरण साधारण जन के लिए शुभ व प्रसन्नता-दायक नहीं माना जाता। श्मशान के पास भी नकारात्मक ऊर्जा का आधिक्य होता है। अतः रात्रि को श्मशान आदि के पास नहीं जाना चाहिए

4 सोलह शृंगारों में से एक सुगंधित पदार्थ लगाना भी माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि रात्रि को सुगंधित पदार्थ, इत्र आदि नहीं लगाने चाहिए। इससे मनुष्य पर नकारात्मक प्रभाव होता है। उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कमजोर होता है। अतः रात्रि को सुगंधित पदार्थ नहीं लगाने चाहिए।

5 धार्मिक मान्यताओं में चौराहे को नकारात्मक ऊर्जा का स्थान माना गया है। अक्सर परिवार के बुजुर्ग चौराहे के बीच से न आने की सलाह देते हैं। चौराहे पर चारों दिशाओं की संधि होती है। रात्रि काल में तांत्रिक प्रवृत्ति के लोग इनका उपयोग भी करते हैं। अतः ऋषियों ने महिलाओं सहित हर मनुष्य को यह निर्देश दिया है कि वे रात को चौराहे पर न जाएं।

 

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