दो दिलों का मिलन हो

दिन में बढ रही सूरज की ताप है पूनम चाँदनी में बसी नही भाप हैं . दो दिलों का मिलन हो तो कैसे हो दुधारी तलवार लिए खड़ी खाप है . प्रेम के दुश्मन, नफरत के साथी हैं अंदर व बाहर से रुह गया काँप है . दिल तो हो रहा है कृष्ण की ओर अब वृंदावन मधुशाला की छाप है . मीरा राह पर चलने की कोशिश हाँथ कंठी लिए,माला की जाप है . संविधान में अपराध का पता है नही पता क्या पुण्य क्या पाप है . मात पिता जग में हैं सबसे प्यारे माँ ने जनम दिया, छाया बाप है . धर्मों के लिए कैसा अलग सिद्धांत जग में पुण्य पाप का क्या माप है . किताब चला नही सकती जीवन पुरातनपंथियों का लालीपाप है . गरीबी छोड़ अमीर बनो 'प्रकाश' क्या दुनिया में गरीब होना पाप है

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