डीएमके नेता स्टालिन का हिंदी के खिलाफ आंदोलन!

नई दिल्ली. तमिलनाडु में हाईवे के साइनबोर्ड को हिंदी में बदलने का कार्य किए जाने पर हिंदी भाषा का सख्ती से विरोध करते हुए एम के स्टालिन ने कहा यह केंद्र सरकार तमिलनाडु में पिछले दरवाजे के माध्यम से हिंदी को यहाँ पंहुचा रही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सरकार हिंदी भाषा को प्राथमिकता देकर और तमिल भाषा की महत्वता कम करने की कोशिश करती है, तो हिंदी के खिलाफ एक नया आंदोलन शुरू हो सकता है. डीएमके के कार्यवाहक अध्यक्ष और तमिलनाडु में विपक्ष नेता स्टालिन ने हिंदी भाषा का उपयोग वेल्लोर और कृष्णागिरि जिलों के हाईवे पर साइनबोर्ड के लिए किए जाने के बाद ये बयान दिया है.

बता दे कि केंद्र में सत्ता संभालने के बाद से बीजेपी शासन संस्कृत और हिंदी को जोर देने में भरसक प्रयास कर रहा है. तमिलनाडु में 1960 के दौरान हिंदी पर लगाम के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. स्टालिन ने इसी तरह के आंदोलन की धमकी दी.

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