नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता किस बात पर उलझ जाए और किस बात पर धरना दे दे इसका किसी को पता नहीं होता है। दिल्ली उच्च न्यायलय ने जैसे ही कहा कि शहर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड दिल्ली पुलिस के पास जानी चाहिए बस दिल्ली सरकार ठन गई। न्यायमूर्ति बदर दुरेज अहमद और संजीव सचदेवा की बेंच ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच सीसीटीवी फुटेज को शेयर किए जाने को लेकर असहमति जताए जाने के बाद कहा कि अगर आप कुछ होते हुए देखेंगे तो प्रतिक्रिया कौन देगा दिल्ली पुलिस या विधायक। अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि दिल्ली पुलिस को डायरेक्ट फीड मिलनी चाहिए, क्यों कि वह वास्तविक समय निगरानी करेगी। इस पर पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव उसके निजी अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण का प्रयास है। पीठ ने कहा कि सीसीटीवी लगाने का उददेश्य सुरक्षा मजबूत करना है। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी को सीसीटीवी लगाने के संबंध में दिल्ली सरकार और पुलिस के प्रस्तावों पर चर्चा करेगी।