दिल में बवाल करती कातिल तेरी आंखे

दिल से सवाल करती कातिल तेरी आंखें , मुझको बेहाल करती कातिल तेरी आँखे ! यूं नजरों का बाण मुझ पर ना मारो अब , दिल में बवाल करती कातिल तेरी आंखे ! छोटी है पर खूब हरकतें बड़ी करती है , क्यूं कमाल करती कातिल तेरी आंखें ! मासूम निगाहों की साजिस है कुछ मेरे जो , मुझको हलाल करती कातिल तेरी आंखे ! कभी जो देखूं तुझे अपनी नजरें छुपाकर , है अजब सवाल करती कातिल तेरी आंखें ! जिंदगी जीने की ख्वाइस हो गई पैदा अब , मुझको जमाल करती कातिल तेरी आंखें ! लगता है ना परवाह रहा तुम्हे किसी की , जो मुझे निहाल करती कातिल तेरी आंखे ! दुनियां के वास्ते मेरे पास एक दिल ही था , उस पर जाल करती कातिल तेरी आँखे ! है कुछ तो खुश ' कुमार ' का दिल भी , जो कुछ ख्याल करती कातिल तेरी आंखें !

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