मैं खुद से निकलकर तेरी और चल दू निगाहों से दिल को इशारा तो कर दे ख्वाबो के मोती तेरी हथेली में मल दू अधरों से छूकर इन्हें गवारा तो कर दे ये गुस्ताखियां ,कुछ मस्तिया हो जाने दे होंसलो की कश्तियां ,उस पार जाने दे पलकों के साहिलों पे तुमको बिठा लू तेरी आँखों के दरिया में डुब जाने दे