कुछ पाने की चाह में बहुत कुछ पीछे छूट जाता है जाने कहा सब्र का धागा टूट जाता है किसी कहे हम अपना यहाँ पर तो साया भी अँधेरे में साथ छोड़ जाता है करीब आ कर दूर चले जाते है अकेले आते है अकेले रह जाते है दिल का दर्द दिखाए किसको यहाँ तो मलहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है