गोरखपुर के बौद्ध संग्रहालय को मिली बड़ी सौगात

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर शहर को एक नई सौगात मिलने वाली है. अब राजकीय बौद्ध संग्रहालय में रखी मौर्या काल, गुप्त काल और अन्य ऐतिहासिक मूर्तियों का इतिहास जानने के लिए पर्यटकों को किसी गाइड की जरुरत नहीं होगी. उत्तर प्रदेश निदेशालय ने डिजिटल पर्सनल गाइड के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसके लिए 33.07 लाख रु की राशि स्वीकृत कर दी है. इस संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.

डिजिटल पर्सनल गाइड एक कम्प्यूटरीकृत उपकरण होगा, जो संग्रहालय में रखी विशेष धरोहरों का इतिहास बताएगा. यह साउंड सिस्टम के साथ उपकरण की  स्क्रीन पर भी देखा जा सकेगा. निदेशालय ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिहाज से इस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए मंजूर कर दिया है. प्रस्ताव पर बजट आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब इसके निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होने की उम्मीद जग गई है. 

आपको बता दें कि शहर के तारामंडल क्षेत्र में स्थित राजकीय बौद्ध संग्रहालय सैलानियों के लिए पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थान है. इस संग्रहालय में पाषाण काल से लेकर मध्य काल तक की पुरातात्विक चीजें धरोहर के रूप में रखी गई हैं. इस संग्रहालय में बुद्ध, हिंदु और जैन धर्म से जुड़ी ऐसी तमाम पेटिंग, मूर्तिया और अन्य सामान हैं जो प्राचीन भारत के इतिहास से सैलानियों को अवगत कराती हैं. कई बार सैलानियों को इन धरोहरों के बारे में जानकारी के लिए गाइड का सहारा लेना पड़ता था, जिसके चलते उप्र संग्रहालय ने इसके लिए डिजिटल पर्सनल गाइड बनाने का प्रस्ताव शासन में भेजा था.

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