बढ़ी शरीफ की मुश्किलें, दिफा-ए-पाकिस्तान ने खोला मोर्चा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें इन दिनों बढ़ गई हैं। ऐसा भारत पाकिस्तान के संबंधों के कारण नहीं हो रहा है। दरअसल उन पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए गए हैं। इमरान खान, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जमकर विरोध कर रहे हैं, वहीं अब दूसरी तरफ दिफा-ए-पार्किस्तान ने जम्मू कश्मीर में कथित अत्याचार के विरूद्ध प्रदर्शन करने की तैयारी भी की है।

दिफा संगठन द्वारा 27 अक्टूबर और 28 अक्टूबर को इस्लामाबाद व पीओके में रैलियों का आयोजन किया जाएगा, जबकि इमरान खान अपनी पार्टी तहरीक ए इंसाफ के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ इस्लामाबाद पर कब्जा करने वाले हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि पीएम शरीफ के भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी एकजुट हों और इस्लामाबाद की ओर कूच करें।

गौतरलब है कि शरीफ सरकार आतंकवाद के मसले पर घिर गई है। एक ओर जहां उन पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है तो दूसरी ओर पाकिस्तान में आतंकियों के विरूद्ध एक्शन लेने को लेकर सरकार व सेना के मध्य तनाव की बात सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार शरीफ सरकार ने सेना से कहा कि सेना आतंकियों के विरूद्ध कार्रवाई करे अन्यथा पाकिस्तान विश्व समुदाय में अलग हो जाएगा। पाकिस्तान की सरकार द्वारा सेना को जो बात कही गर्ह है और आतंकवाद का सफाया करने के निर्देश सेना को दे दिए गए हैं उससे आतंकी सरकार के खिलाफ हो गए हैं।

अब शरीफ के सामने मुश्किल यह है कि भ्रष्टाचार के मसले पर दूसरे दल का विरोध कर रहे हैं तो धार्मिक और रूढ़ीवादी संगठन भी उनके विरोध में हैं तो दूसरी ओर आतंकवाद को प्रेरित करने वाली आईएसआई भी उनके खिलाफ जा सकती है यदि ऐसा होता है तो पाकिस्तान में तख्ता पलट की परेशानी बढ़ सकती है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए शरीफ सरकार को जुगत भिड़ानी होगी।

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