हमें जिन्दगी में धोखे अपने ही देते हैं! हमें जिन्दगी में दर्द भी सपने ही देते हैं! कभी चलते थे जमाने में हमराह़ बनकर, वही उम्रभऱ किसलिए तड़पने ही देते हैं?