छि तेरे अस्तित्व को धरा पे तूने जन्म लिया,, कोख मे जिसने रखा उसका कसूर क्या बता,, माँ बेटी को नोंच खा के वीभत्स काग तुझे,, लाज आती भी कहाँ मर आत्मा कब गई,,, सबक दो ए मानुज तन जो पाया है सबने,, तुम तो जरा सन्धान दो संज्ञान लो,जला दो ऐसे बलात्कारियो को जीने से वंचित करो,,, आज अख़बार मे पढ़ी खबर पर की माँ बेटी का 12 लोगों ने दुष्कर्म किया,,,,,