अब नहीं कर पायेगी एयरलाइंस मनमानी

नई दिल्ली : बहुत सी एयरलाइंस किराए बढ़ाने और चार्ज वसूलने से बाज नहीं आती है, अब ऐसी एयरलाइंस की मनमानी नहीं चलेगी क्योंकि डीजीसीए ने एयरलाइंस के कैंसलेशन चार्जेज बढ़ाए जाने की जांच शुरू कर दी है, एयरलाइंस हमेशा किराए बढ़ाने और चार्ज वसूलने में मनमानी करते है और जब बात सर्विस देने की आती है तो उनके सारे दावे और वादे हवा हो जाते हैं, हवाई किराए में मनमानी के आरोपों पर एयरलाइंस की क्या प्रतिक्रिया है, इस पर बात करते हुए स्पाइसजेट के सीओओ संजीव कपूर ने कहा कि भारत में हवाई किराए औसतन दुनियां में सबसे कम है, संजय कपूर के मुताबिक एयरलाईंस घाटे में चल रही है। ऐसे में अगर हम यात्रियों को सब कुछ फ्री में दे देंगे तो इंडस्ट्री के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो जाएंगे। इस सेक्टर और यात्री दोनों के फायदे के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धा की जरूरत है। हमें व्याहावारिक किराए रखने होंगे। हम यात्रियों से ज्यादा नहीं मांग रहे। हम उन्हें एक विकल्प दे रहे है। आप उन्ही सर्विसेज के लिए कीमत चुकाएं जिन्हें आप चाहते है। 

एयरलाइंस के किराए पर अंकुश लगाने के सवाल पर संजीव कपूर ने कहा कि अगर आप किराए पर एक कैप लगा दें तो डिमांड सप्लाई से ज्यादा बढ़ जाएगी। इसलिए हमारे पास डानेमिक प्राईसिंग है। अगर डिपार्चर की तिथि नजदीक हो तो ज्यादा किराए और अगर दूर हो तो कम किराए। अगर आप कम कीमत चुकाना चाहते है तो जल्दी बुकिंग कराएं और अगर देर से कराते है ज्यादा कीमत दे। रेलवे की स्थिति में आप अगर पहले बुकिंग नहीं कराए तो आप यात्रा नहीं कर सकते। हवाई यात्रा में ऐसा नहीं है, एयरलाइंस की मनमानी पर सरकार की नजर के सवाल पर संजय कपूर का कहना है कि देखिए अगर सांसदो की बात पर सरकार कदम उठाती है तो शॉर्टेज की स्थिति पैदा हो जाएगी। क्या सीटों की कमी ज्यादा बेहतर है या उपलब्ध्ता। यह पहला सवाल है। अगर आप चाहते है कि किराए कम हों तो दूसरी किमतों को कम करना पड़ेगा। भारत में किराए दुनिया में सबसे कम है। इसे और कम करने के लिए टैक्सेज, एयरपोर्ट किराए इत्यादी कम करने होंगे, हिडन चार्जेज पर सवाल किए जाने पर संजय कपूर ने कहा कि वर्तमान में हिडन चार्जेज नहीं है। पहले एयरलाईंस गलत किराए दिखाते थे, जिसमें फ्यूल चार्ज और टैक्स अलग से होता था। और यात्री को दोगुना या तिगुना किराया चुकाना होता था। स्पाईस जेट पहली एयरलाईन थी जिसने यह कहा कि हम ऐसा नहीं करेंगे। सिर्फ किराए एयरलाईंस के पास जाते हैं बाकी सब सरकार के पास।

Related News