देवप्रबोधनी एकादशी पर होंगे तुलसी विवाह के आयोजन

इंदौर/उज्जैन। देशभर में छोटी दीपावली अर्थात् देवप्रबोधनी एकादशी को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। गौरतलब है कि इस दिन बड़े पैमाने पर लोग व्रत रखकर वैष्णव मंदिरों में पूजन करते हैं। भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में तुलसी व शालिग्राम के विवाह का आयोजन होता है। इस दिन के लिए देशभर में उल्लास उमड़ा है। हर कहीं श्रद्धालु तैयारियों में लगे हैं। दरअसल देवप्रबोधनी एकादशी से श्रद्धालु सभी मंगलकार्य कर सकेंगे।

इस दिन विवाह का अबूझ मुहूर्त भी रहता है। ऐसे में बड़े पैमाने पर श्रद्धालु अपने परिजन के विवाह समारोह का आनंद ले सकेंगे। तुलसी विवाह के आयोजन के लिए श्रद्धालुओं द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। दरअसल धार्मिक मान्यता में तुलसी को बेहद पवित्र माना गया है। भगवान के चरणामृत में तुलसी दल का उपयोग होता है तो घर के आंगन में तुलसी का पौधा रोपने और प्रतिदिन स्नान आदि के बाद उसका पूजन करने और उसे जल देने से मंगल होता है।

भगवान श्रीविष्णु को तुलसी अति प्रिय है। मान्यता है कि शालिग्राम के स्वरूप में भगवान श्रीविष्णु का विवाह तुलसी से हुआ था। धार्मिक जानकारों द्वारा कहा जाता है कि यदि आपके यहां पर मंगल न हो रहा हो तो फिर तुलसी विवाह के दिन गन्ने का मंडप बनाकर उसका पूजन करें और भगवान श्री कृष्ण का पूजन करें तो शुभ जरूर होगा। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में तुलसी विवाह के आयोजन होते हैं। इस दिन श्रद्धालु दीपावली का उल्लास मनाते हैं हर कहीं दीपों की जगमगाहट होती है।

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