अवैध संबंध अपराध नही, अनैतिक कार्य है: दिल्ली कोर्ट

नई दिल्ली : हर दिन अवैध संबंध के कारण कोई न कोई अत्महत्या कर रहा है जो की आज देश मे एक गंभीर विषय बना हुआ है। अवैध संबंध को लेकर या तो पत्नी खुदखुशी कर लेती है या फिर पति अत्महत्या कर लेता है इसके बाद किसी एक दलित को कोर्ट की चक्की मे पीसना पड़ता है। इसी तरह का एक प्रकरण दिल्ली न्यालय मे आया।

दिल्ली के एक न्यालय ने अवैध संबंध पर कहा की यह अवैध संबंध तलाक पाने का आधार हो सकता है लेकिन यह अनैतिक कार्य, आपराधिक कार्य के क्षेत्र में नहीं आ सकता। अपनी बीवी को अत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी एक व्यक्ति के केस में न्यालय ने यह बात कही। मामला था की पति के अवैध संबंध के कारण पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी।

कोर्ट ने इस मामले पर कहा की, आरोपी की हरकत एक अनैतिक कार्य है जो पत्नी के प्रति बेईमानी को दिखाता है। यह भरोसे को तोड़ने वाला कार्य है लेकिन इसके आधार पर इसे आपराधिक कार्य नहीं माना जा सकता और न ही इसके अंतर्गत कोई सजा दी जा सकती है। अडिशनल सेशन जज मनोज जैन ने कहा, पत्नी के रहते हुए इसके आधार पर वह डिवॉर्स ले सकती थे लेकिन इससे पति को धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) अपराध के अंतर्गत नहीं लाया जा सकता है।

इस पर न्यालय ने आरोपी को रिहा करते हुए कहा कि उसका अवैध संबंध विस्तारपूर्वक साबित भी नहीं होता है। यह तर्क देकर कोर्ट ने आरोपी को रिहा कर दिया है। आपको बता दे की इस तरह के प्रकरण आए दिन कोर्ट मे आते है लेकिन अब कोर्ट ने यह तर्क दिया है।

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