बुजुर्ग की शिकायत पर अदालत ने दिया देवी-देवताओं की मूर्तियां हटाने का आदेश

दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने हाउसिंग सोसाइटी के अंदर से देवी-देवताओ की मूर्तियों को हटाने का आदेश जारी किया है. यह फैसला अदालत ने एक बुजुर्ग नागरिक की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया. कोर्ट ने सोसाइटी मेंबर्स को आदेश दिया है कि वह सोसाइटी से देवी देवताओ की मूर्तियों को हटाने के साथ ही एन. सी. जैन को 50 हजार रुपए की राशि मुआवजे के रूप में दे. कोर्ट ने कहा, ''जैन एक वृद्ध  नागरिक हैं और उन्हें शांतिपूर्ण जीवन जीने और चैन की नींद सोने का पूरा अधिकार है.

2 माह में मंदिर हटाने का दिया आदेश कोर्ट ने बुजुर्ग की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए यह आदेश दिया है. बजुर्ग ने अपनी शिकायत में कोर्ट के समक्ष कहा था कि सोसाइटी के अंदर बने एक मंदिर में लगे लाउडस्पीकर की तेज आवाज से उन्हें काफी समस्या होती है. वह आराम से सो नहीं पाते है.

इस पर कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश दिया है कि वह 2 महीने के अंदर हाउसिंग सोसाइटी से मंदिर और देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटाकर अन्य स्थान पर रखवा दे. इसके साथ ही कोर्ट ने साउथ-वेस्ट दिल्ली के केएन काटजू मार्ग थाने के SHO को निर्देश दिया है कि वह आदेश का सही ढंग से क्रियान्वयन में सहायता करे.

मंदिर हटाने पर जज की प्रतिक्रिया  डिस्ट्रिक्ट जज प्रदीप चड्ढा ने रोहिणी स्थित ध्रुव अपार्टमेंट के दिल्ली प्रदेश को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के मेंबर्स को निर्देश दिया है कि मंदिर में लगे लाउडस्पीकर्स पर प्रतिबन्ध लगाया जाए. उन्होंने बताया कि जब तक मूर्तियों को ससम्मान अन्य स्थान पर नहीं पहुंचा दिया जाता, तब तक इस तरह से पूजा होती रहेगी. इसके पहले बुजुर्ग व्यक्ति ने सिविल जज से सोसाइटी में अवैध रूप से मंदिर बनाने और ध्वनि प्रदुषण की शिकायत दायर की थी लेकिन उनकी मांग को अस्वीकृत कर दिया गया था.

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