दिल्ली की एक अदालत ने DDA कर्मचारी को सुनाई ढाई साल की सजा

नई दिल्ली : दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के एक 60 वर्षीय कर्मचारी को दिल्ली की एक अदालत ने एक हजार रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के जुर्म में ढाई साल कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने उसकी पारिवारिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए उसके प्रति थोड़ा नरम रूख अपनाया.

विशेष न्यायाधीश नरोत्तम कौशल ने DDA के क्लर्क विनोद कुमार को प्राधिकरण में माली के रूप में काम करने वाले करन सिंह से उसके चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावे को मंजूर करने के बदले रिश्वत मांगने और स्वीकार करने का दोषी ठहराया.

न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन ने संदेह से परे साबित किया है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगी और स्वीकार की थी. अदालत ने हालांकि उसकी पारिवारिक परिस्थितियों पर विचार करते हुए उसके प्रति थोड़ा नरम रवैया अपनाया और उसे 30 महीने की कैद तथा 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

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