मार्क जुकरबर्ग की बेटी को ये तोफा खोल देगा उनके दिल का राज!

जीवन के सिर्फ़ 31 सावन देख चुके फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग व उनकी पत्नी चान ने अपनी बेटी "मेक्सिमा" के जन्म पर इस संस्था के 99% फीसदी शेयर अर्थात करीबन तीन लाख करोड़ रुपये दान कर दिये | इस अनोखे व्यक्तिगत अवसर पर महादान के साथ ही बिल-गेटस, वारेन बफेट, जार्ज सोरस, रतन टाटा, नारायणमूर्ति इत्यादि के साथ शीर्ष पर अपना नाम जोड़ दिया | इस बार भी दुनिया को ये बहुत बड़ा दान एक नये ट्रस्ट निर्माण के रूप में मिलेगा और निसंदेह मार्क इस के प्रमुख ट्रस्टी होंगे | इसके बाद चयन का पुराना सिलसिला और जरूरतमंदो को पचाने का तरीका .....बेटी के जन्म पर उन्होने एक सार्वजनिक पत्र लिखकर दुनिया के दूसरे गरीब बच्चों के उत्थान एवं कल्याण की बात की | इस संदेश वाले पत्र पर अधिकांश दानदाताओ ने बधाई संदेश दिये व इसमें दुनिया भर के चर्चित फेस भी शामिल हो गये | अपने दिल की विशालता के साथ मार्क ने इन सभी का शुक्रिया तुरंत सार्वजनिक रूप से इसी पेज पर किया | 

इन सभी बधाई संदेशों से हटकर हमने सार्थक पहल के साथ बहुत बड़ा उपहार "मेक्सिमा" को दिया ताकि जीवनभर जिने के बाद भी आगे उनका नाम हमेशा अमर रहे व दुनिया के अरबों बच्चों एवं पुरे लोकतांत्रिक समाज का भला हो सके | मार्क जुकरबर्ग से अनुरोध किया गया कि वो अपने फेसबुक पर दुनिया के लोगो को एक नया विकल्प दे जो प्रत्येक व्यक्ति के फेसबुक अकाउंट के साथ आये | इसके माध्यम से लोग वर्तमान चयनित एक राष्ट्रीय मुद्दे/ख़बर पर अपनी राय व वोट देंगे | प्रत्येक देश की वोटिंग का प्रतिशत एक ऑनलाइन इमेज का निर्माण करे जो प्रत्येक वोटर की निजी राय के साथ तय समय सीमा में उसके कवर फोटो पर आये और निश्चित समय के बाद पुनः पुरानी सेटिंग को वैसा ही लाकर चला जाये | इसके आने का समय "मेक्सिमा" के जन्म समय रखा जाये | 

ये पूर्णतया: लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूत करता है व गरीब, कमजोर, मजबूर बच्चों को एक बड़ा आधार देगा ताकी प्रत्येक शुभचिंतक का प्रयास व्यवस्था निर्माण कर सके व समस्या को जड़ से खत्म कर सके | यदि एक-एक बच्चे को सहायता देकर / दान देकर / अहसान जताकर / गरिब व निशाय का टैग लगाकर अच्छा करने की कोशिश करी तो फिर दुनिया को मार्क जैसे महान दान दाता पैदा करने के लिए पहले से ज्यादा तादाद में गरीब, कमजोर, दुखी, निसहाय, अनाथ, अनसुने रिश्तेदार या रिश्तेदार विहीन बच्चे बनाने होंगे क्यूँकि ये सभी विशेष मैडल कोई साथ लेकर पैदा नहि होता अपितु उसके सिर पर जन्म के बाद चिपका दिया जाता है | इस कार्य के लिए पैसो की व्यवस्था तो महादान के रूप में मार्क पहले ही कर चुके है व उनकी संस्था का नेटवर्क भी है और प्रमुख होने के कारण किसी की अनुमति कि जरूरत भी नही है | 

इस तरिके से उनकी संस्था और बड़ी बनेगी व आर्थिक रूप से ज्यादा कमाई भी करेगी इसका परिणाम भी ज्यादा बेहतर आयेगा क्यूँकि ट्रस्ट खोल भला करना उनके व्यवसाय से अलग हटकर कार्य है | "मेक्सिमा" को दुनिया का सबसे खुबसुरत व कीमती उपहार जो सदियों तक उसे यश प्रदान करता रहे व मिलेगा या चंद लोग जो उसके जीवन काल तक जन्मदिन बनाकर मुँह मीठा करे, इस बात पर निर्भर करेगा की उसके माता-पिता के दिल की गहराइयों में उसके प्रति असली प्यार कितना है | 

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