दर्द सारी हदें पार कर गया

दर्द सारी हदें पार जब कर गया,  चीख़ खामोश होकर अजल बन गई..! अश्क़ नज़्मों में तब्दील सारे हुये,  जख़्म बाक़ी बचे तो गजल बन गई..!!

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