दहेज में साइकिल मिल जाए

दूल्हे की सोच सन् 1970 में दूल्हा सोचता था... दहेज में रेडियो मिल जाए। सन् 1980 में- दहेज में साइकिल मिल जाए। सन् 1990 में- दहेज में बाइक मिल जाए। सन् 2000 में- दहेज में कार मिल जाए। सन् 2016 में- बस बिना ब्वॉयफ्रेंड वाली दुल्हन मिल जाए। इसके अलावा आज के दूल्हे की और कुछ भी डिमांड नहीं है।

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