Google Doodle :अपनी फिल्म की एक्ट्रेस को ढूंढने कोठे तक गए थे दादा साहेब फाल्के

भारतीय सिनेमा जगत के पिता कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के का आज 148वां जन्मदिन मनाया जाता, लेकिन अब वह हमारे बीच नहीं हैं. उनके जन्मदिन के पर गूगल ने आज अपने डूडल को बदलकर उन्हें श्रद्धांजलि दी हैं. दादा साहेब फाल्के का जन्म 1870 में 30 अप्रैल को हुआ था.

इन्होने भारतीय सिनेमा को एक अलग और नई पहचान दी हैं. दादासाहेब का असली नाम धुंधिराम गोविंद फाल्के था लेकिन भारतीय सिनेमा में आने का बाद इनका नाम दादा साहेब फाल्के के नाम से जाना जाने लगा. दादासाहेब का शुरू से ही कला की तरफ रुझान था और वह शुरू से कला को सबसे उच्च स्थान देते थे. फिल्मकार बनने का सपना दादा साहेब ने बचपन से ही देखा था और फिल्मकार बनने के लिए उन्होंने अपने दोस्त से दो रुपए उधार लेकर लंदन जाने का फैसला लिया. लंदन जाने के बाद उन्होंने वहां दो हफ्ते बिताए और फिल्म की बारीकियों को सीखा.

सबसे पहली फिल्म जो दादा साहेब ने बनाई वह 'राजा हरिश्चंद्र' रही, यह फिल्म उन्होंने फाल्के फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाई. उनकी पहली फिल्म में किसी महिला ने काम करने के लिए हाँ नहीं कहा इसी वजह से उन्होंने कोठे पर जाने का फैसला लिया और अपनी पहली अभिनेत्री को ढूंढने के लिए वह कोठे पर गए. अंत में उन्हें जो महिला अभिनेत्री मिली वह एक भोजनालय में बावर्ची के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति सालुंके को बनाया गया. फिल्म का सभी खर्च उन्होंने उठाया और उस समय फिल्म की लागत 15 रुपये थी जिससे फिल्म बनी थी. यह फिल्म 3 मई, 1913 को रिलीज हुई और इसकी अवधि 40 मिनट रही थी.

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