दाग अब बेदाग ये होते नही है

दाग अब बेदाग ये होते नही है क्यों जगते है सारी रात ये सोते नही है क्यों ये तोहमतो के दाग है जिनदा ही रहेगे की कोशिशे हजार पर मिटते नही है क्यों 

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