क्रूड के दाम कम लेकिन फिर भी क्यों सस्ते नहीं पेट्रोल-डीजल

नई दिल्ली : मोदी सरकार को देश में 2 साल पूरे होने जा रहे है. इस दौरान देश में कई अहम चीजों के दामों में उतार-चढाव देखने को मिला है. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि इस दौरान क्रूड की कीमतों में करीब 56 फीसदी की कमी देखने को मिली है. लेकिन साथ ही यह भी बता दे कि पेट्रोल के दाम जहाँ केवल 13 फीसदी की कमी आई है तो वहीँ डीजल के दामों में भी 11 फीसदी की ही कमी हुई है.

बताया जा रहा है कि देश की जनता को चाहे इससे फायदा हो या ना हो लेकिन सरकारी खजाने में अच्छी बढ़त देखने को मिली है. देखने को मिला है कि इस आलोच्य अवधि में पेट्रोल-डीजल पर कई बार एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई गई है, जिसका फायदा सरकार तक पहुंचा है.

साथ ही जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि एटीएफ के भाव में कमी किए जाने से एविएशन कंपनियों को अभूत फायदा देखने को मिला है. गौरतलब है कि 23 मई 2014 को ब्रेंट क्रूड के भाव 110.54 डॉलर प्रति बैरल के पास देखने को मिले थे, जबकि आज यदि देखा जाए तो यही भाव 49.16 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुँच गए है.

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