कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल के लिए हम मजबूर हैः CRPF डीजी

नई दिल्ली : सुरक्षा बलों ने साफ कर दिया है कि वे कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन से हमले करना बंद नहीं करेगी। सीआरपीएप के डीजी दुर्गा प्रसाद का कहना है कि हम पैलेट गन हमले से घायल हो रहे युवाओं के लिए दुखी है, लेकिन इसका उपयोग करना हमारी मजबूरी है। बता दें कि कश्मीर में जारी हिंसा में सेना पर पत्थर बरसाने वाले युवाओं के खिलाफ पैलेट गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जिसमें अब तक 300 से अधिक लोग घायल हो चुके है। प्रसाद ने कहा कि हांला कि हम इसकी पूरी कोशिश कर रहे है कि इसका कम से कम इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने कहा कि गन के इस्तेमाल के लिए जवानों को ट्रेनिंग दी गई है लेकिन उन्हें इमोशनल होने को नहीं कहा जाता। बीते दो सप्ताह में प्रदर्शन में 1,051 जवान घायल हुए हैं।

सीआरपीएप के डीजी ने कहा कि यह कोई जानलेवा हथियार नहीं है। जम्मू-कश्मीर इकलौता ऐसा राज्य है, जहां के लोग जवानों पर ही पत्थरबाजी करते है। उन्होने कहा कि गन को पास से तभी चलानी पड़ती है, जब हमलावर काफी पास हो। पैलेट गन के यूज को लेकर काफी क्रिटिसाइज किया गया था।

हाल ही में कश्मीर दौरे पर आए होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'मैं कश्मीर के युवाओं से कहना चाहूंगा कि वे पथराव में शामिल न हों। साथ ही सुरक्षा बलों से भी कहता हूं कि वे पैलेट गन का इस्तेमाल जहां तक संभव हो न करें। राजनाथ ने ये भी कहा था एक संसदीय कमेटी पैलेट गन के यूज को लेकर रिव्यू करेगी। साथ ही उसका कोई अल्टरनेटिव भी खोजेगी। दरअसल पैलेट गन से चेहरे और आंखो में छर्रे लगने का खतरा होता है।'

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