जन्मदिन विशेष : भारत के रत्न को जन्मदिन की बधाई

सचिन रमेश तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले वह सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं. 
सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है. सन् 1989 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वह बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं. वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. 
एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है. उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुम्बई के लिये 24 वर्ष की उम्र में खेला था. उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई. सचिन क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्व भर में उनके अनेक प्रशंसक हैं. 
उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से भिन्न-भिन्न नामों से पुकारते हैं जिनमें सबसे प्रचलित लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर है. क्रिकेट के अलावा वह अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं. तत्काल में वह राज्य सभा के सदस्य हैं, सन् 2012 में उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.
व्यक्तिगत जीवन - 
राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई मे जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने अपने चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था. उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था. 
सचिन के एक भाई नितिन तेंदुलकर और एक बहन सविताई तेंदुलकर भी हैं. 1995 में सचिन तेंदुलकर का विवाह अंजलि तेंदुलकर से हुआ. सचिन के दो बच्चे हैं - सारा और अर्जुन. 
सम्मान - 
भारत रत्न 16 नवम्बर 2013 को मुंबई में सचिन के क्रिकेट से संन्यास लेने के संकल्प के बाद ही भारत सरकार ने भी उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की आधिकारिक घोषणा कर दी. 
4 फ़रवरी 2014 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें भारत रत्न से सम्मनित किया गया. गौरतलब है कि इससे पहले यह सम्मान खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था. सचिन को यह सम्मान देने के लिए पहले नियमों में बदलाव किया गया था.

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