इंदौर। मंगलवार को योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के एक मामले में सुनवाई की गई। यह सुनवाई पीथमपुर में आवंटित की गई जमीन को लेकर हुई। न्यायालय ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया। हालांकि न्यायालय ने अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कहा गया कि, योग गुरू बाबा रामदेव को कर में कई तरह की छूट दी गई है। इसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तपन भट्टाचार्य ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि, पीथमपुर में पतंजलि आयुर्वेद को 25 लाख एकड़ के अनुसार जमीन आवंटित की गई थी। मगर उसे टैक्स और अन्य मामलों में छूट दी गई थी। पतंजलि आयुर्वेद को जमीन खरदीने में प्राथमिकता दी गई और नियमों को दरकिनार कर दिया गया। साथ ही जो कर छूट दी गई थी वह भी उचित नहीं लगती। जबकि इसी जमीन को दूसरी कंपनियां भी खरीदना चाहती थीं। उन्हें जमीन न देते हुए पतंजलि आयुर्वेद को जमीन दे दी गई। अब पतंजलि की इस जमीन का आवंटन रद्द कर दिया जाए। इस मामले में न्यायालय ने सवाल किया कि आखिर यह जमीन बाबा रामदेव को किस तरह से दी गई। शासन को नोटिस भी दिया गया है। हालांकि न्यायालय ने आदेश को सुरक्षित रख लिया है। योग शिक्षिका राफिया के परिजन तनाव में सरकार और पतंजलि के बीच हुआ 10 हजार करोड़ रुपये का समझौता रामदेव बाबा को मिला हाई कोर्ट का नोटिस