आशुतोष महाराज की अंत्येष्टि पर फैसला 7 जुलाई को

अमृतसर : लगभग दो वर्ष से समाधिस्थ पंजाब के संत आशुतोष महाराज की दीव्य देह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद जारी है। हालांकि इस मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अंतिम संस्कार पर रोक लगा रही है। न्यायालय इस मामले में अपनी सुनवाई दो अगस्त को करेगा। उल्लेखनीय है कि दीव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक और प्रमुख आशुतोश महाराज को लेकर उनके आश्रम के संतों और प्रबंधकों द्वारा यह कहा जाता है कि वे समाधिस्थ हैं और वे यह कहकर गए हैं कि समाधि पूर्ण होने पर वे अपनी देह में लौटेंगे।

तब तक उनके आश्रम और अनुयायियों द्वारा महाराज की देह को फ्रिज में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 में भी संस्थान द्वारा अपना कैंप लगाया गया है। जहां हर दिन लोग आते हैं। हालांकि महाराज जी की दीव्य देह को लेकर किसी और तरह के विकल्प को लेकर निर्णय लेने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। दीव्य ज्योति जागृति मिशन ने इस बारे में न्यायालय को जानकारी दे दी है।

उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी 2014 में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही नूरमहल स्थित दीव्य जागृति संस्थान में उनकी पार्थिव देह रखी गई थी। उल्लेखनीय है कि पंजाब में कई डेरे हैं इन डेरों के बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं। दीव्य ज्योति जागृति संस्थान भी इसी तरह का डेरा है। आशुतोष महाराज भी इस डेरे के प्रमुख थे। उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने कहा था कि सभी पक्ष मिलकर आपसी सहमति से समाधान निकालें।

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