पूर्व बसपा सांसद की पत्नी हिरण के सींग और छड़ो से मारती थी : गवाह

नई दिल्ली : पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जागृति पर अपने नौकरों को पीटे जाने और एक नौकरानी की हत्या के आरोप लगे थे. इस सम्बन्ध में सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई की गयी. सुनवाई के दौरान मामले में एक गवाह ने अदालत में कहा कि जागृति दरवाजे के ताले, लोहे की छड़ों और लातों से नौकरो को प्रताड़ित करती थी. इतना ही नहीं गवाह ने कहा कि उनके शरीर को लोहे की गर्म छड़ों से भी यातना दी थी.

इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष के गवाह रामपाल ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित बंसल को जानकारी दी कि धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह को छोटी छोटी सी बात पर भी जल्दी क्रोध आ जाता है. उसने बताया कि वह छोटी सी गलतियों पर उसे और अन्य दो घरेलू नौकरों को बुरी तरह से मारती थी. उसने बताया कि उनके घर पर काम करते समय उसे कभी भी तनख्वाह नहीं देती थी.

बहुजन समाज पार्टी के नेता के खिलाफ दायर मामले की अदालत में सुनवाई चल रही थी. उनके ऊपर अपनी नौकरानी को प्रताड़ित करने और उसकी हत्या के मामले में सबूत गायब करने का केस चल रहा है. उनकी पत्नी जागृति सिंह पर नौकरानी की हत्या का केस भी चल रहा है.

रामपाल ने बताया कि उसने सांसद के दक्षिणी दिल्ली स्थित घर में दिसंबर 2012 से काम करना प्रारम्भ किया था और उसे इसके लिए मेहनताने के रूप में कुछ भी नहीं दिया जाता था. उसने बताया कि उसी घर में मीना नाम की एक घरेलू सहायिका भी काम करती थी. वहीं राखी ने उसके काम पर जाने के तीन-चार महीने बाद काम करना शुरू किया था.

गवाह रामपाल ने अदालत को बताया, 'एक अप्रैल 2013 को राखी को खाना बनाने में देरी हो गई थी, जिसके बाद जागृति ने उसकी पिटाई की और उसके बाल काट दिए. उसने बताया कि उसी दिन जागृति ने उसके (रामपाल) गुप्तांगों में मुक्का और लात मारी और उसकी खूब पिटाई की.

रामपाल ने अपनी गवाही में बताया, 'उस दिन के बाद से वह हम तीनों नौकरों को छोटी सी गलती पर भी हिरण के सींग, लकड़ी की छड़ों से मारा करती थीं और नाखूनों से हमारे चेहरों पर नोचा करती थीं. वह हमारा गला भी दबा दिया करती थीं और यहां तक कि वे हमारे मुंह में ताला डाल हमे प्रताड़ित करती थी. जिसके कारण मेरे होठों में चोट आ गई.

रामपाल ने अदालत को बताया, 'जब खून निकलने लगा तो, जागृति ने कहा कि खून देखकर दया नहीं आती है, जाओ खून साफ करो. उसने बताया कि जागृति ने एक बार लोहे की छड़ से उसके सिर पर वार किया था उसमे भी उसे चोटे आई थी.

नौकरानी की मौत से 15-20 दिन पहले जागृति ने नौकरानी के पेट में लोहे की छड़ से दागा था. रामपाल ने हालांकि अदालत में बताया कि धनंजय सिंह ने उसके साथ किसी तरह की मारपीट नहीं की थी.

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को तय की है.  धनंजय सिंह के खिलाफ केवल सबूतों को मिटाने का मामला चल रहा है. अन्य सभी आरोपों से अदालत ने उन्हें मुक्त कर दिया है.

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