शराबी के लिए उदार हुई विशेष अदालत

नई दिल्ली : ऐसा कम ही होता है जब अदालत किसी सजायाफ्ता के प्रति हमदर्दी जताए . लेकिन ऐसा एक मामला दिल्ली का सामने आया है , जहाँ एक विशेष अदालत ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले एक व्यक्ति के साथ उदारता बरतते हुए उसे मिली जेल की सजा निरस्त कर दी.लेकिन दस हजार रुपये के मुचलके तथा उतनी ही राशि की गारंटी पर उसे जेल से रिहा कर दिया.

उल्लेखनीय है कि गत 20 नवंबर को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने शराब के नशे में कार चलाने के लिए उत्तर दिल्ली निवासी एक व्यक्ति को दोषी मानते हुए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. दोषी ने इस फैसले के खिलाफ विशेष विशेष न्यायाधीश नरिंदर कुमार की अदालत में अपील की जहाँ कोर्ट ने व्यक्ति के पहली बार अपराध करने को ध्यान में रखते हुए उसकी सजा निरस्त कर दी.इस मामले में कोर्ट का मानना था कि उसे मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 (शराब पीकर गाड़ी चलाना) के तहत अपराध के लिए सजा के तौर पर जेल भेजे जाने की बजाय सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए.

बता दें कि विशेष अदालत ने 10,000 रुपये के मुचलके तथा उतनी ही राशि की गारंटी पर एक साल के लिए अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा कर दिया.दोषी व्यक्ति से शपथ पत्र पर यह आश्वासन लिया गया कि एक साल की अवधि में जब भी अदालत में पेशी तथा सजा के लिए बुलाया जाएगा, वह आएगा और अच्छा आचरण बनाए रखेगा. अदालत की उदारता से एक दोषी को सुधरने क मौका मिल गया.

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