न्यायालय ने दिए मंदिर को संरक्षित करने के निर्देश

इस्लामाबाद : यूं तो अक्सर पाकिस्तान भारत का विरोध करता है, मगर हाल ही में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने एक अहम फैसला देकर सभी को चौंका दिया है। दरअसल पाकिस्तान में बने एक मंदिर को तोड़े जाने के बाद मंदिर के पुर्ननिर्माण और उसके संरक्षण का आदेश दिया। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के कराक मंदिर को वर्ष 1997 में तोड़ दिया गया था, जिसके बाद मंदिर को बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने याचिका दायर की थी। 
मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो जानकारी मिली कि खैबर पख्तूनख्वा के कराक जिले के टेरी गांव में परमहंस महाराज की समाधि पर धार्मिक नेता ने कब्जा कर लिया। जिसके लेकर मुख्य सचिव, आईजी और स्थानीय कमिश्नर से पूछताछ की गई। इसी दौरान यह बात सामने आई कि जिनके नाम से मंदिर बनवाया गया था उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया। 
हालांकि न्यायालय ने सभी दलीलें सुनने के बाद निर्णय दिया कि कराक मंदिर का पुनर्निमाण और संरक्षण किया जाना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1919 में टेरी गांव में स्वामी परमहंस महाराज का अवसान हो गया और उनका अंतिम संस्कार करने के बाद क्षेत्र में मंदिर बनवाया गया। वर्ष 1997 तक उनके अनुयायी यहां श्रद्धांजलि देने आते थे मगर बाद में मुस्लिम चरमपंथियों ने मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया।

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