स्थानांतरण के मामले में कोर्ट ने पूछा यूपी सरकार से सवाल

इलाहाबाद : यहां के हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से स्थानांतरण के मामले में एक सवाल किया है। मामला वरिष्ठ अधिकारी रमारमण के साथ जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह अपना जवाब जल्द कोर्ट में पेश करें। अभी यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब देने की प्रक्रिया को अंजाम नहीं दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारी रमारमण का स्थानांतरण सरकार नहीं करना  चाहती थी।  लेकिन यह मामला जब कोर्ट में गया तो कोर्ट में सुनवाई होना शुरू हुई।

सुनवाई के दौरान मुख्य स्थाई अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने यह तर्क दिया था कि स्थानांतरण बोर्ड अधिकारी को हटाने के लिये स्वीकृति नहीं दे रहा है। बताया गया है कि अधिकारी फिलहाल नोएडा में सीईओ पद पर कार्यरत है। कोर्ट में जानकारी दी गई है कि वर्तमान में रमारमण की देखरेख में ही महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित किया जा रहा है, लिहाजा बोर्ड उन्हें हटाने के लिये बिल्कुल भी तैयार नहीं है।

इस पर न्यायाधीश डीबी भोंसले और यशवंत शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से यह सवाल किया है कि आखिर किसी अधिकारी को कब तक या कितने समय तक एक ही स्थान पर रखा जा सकता है, जबकि अधिकारी का पद तबादले वाला पद है। माननीय न्यायाधीशों ने यह भी कहा है कि ऐसा लगता है कि रमामरण के अलावा ऐसा कोई अधिकारी राज्य में नहीं है जिसे योजनाओं को संचालित करने की जिम्मेदारी दी जा सके।  कोर्ट ने राज्य की स्थानांतरण नीति की नीतियों की भी जानकारी से अवगत कराने का आदेश सरकार को दिया है। फिलहाल कोर्ट की ओर से 19 अगस्त को आगामी सुनवाई मुकर्रर की गई है।

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