जारी है आपदा प्रबंधन का काम, घोषित किया तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

काठमांडू : बीते सप्ताह शनिवार को आए भूकंप ने नेपाल का जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। नेपाल में बड़ी - बड़ी ईमारतें जमींदोज़ हो गईं। इसे नेपाल ने राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है। अब नेपाल ने इस आपदा में अपनी जान गंवाने वाले मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने भूकंप से करीब 10000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

भूकंप की त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि संकट की इस घड़ी में लोग धीरज रखें। सरकार मदद पहुंचाने का काम कर रही है। कोशिश की जा रही है कि हर व्यक्ति तक मदद पहुंचे। प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के चलते देश में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है। कई भवनों के मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है। दूसरी ओर नेपाल से कुछ भारतीयों को दिल्ली पहुंचाया गया है।

इनमें अधिकांश राजस्थान के निवासी हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी विमान ड्रोन से ली गई तस्वीरों से भूकंप की तबाही का मंज़र बेहद भयावह था। दूर - दूर तक भवनों के निशान मिट चुके थे। उनके स्थान पर मलबा और खाली जगह देखने को मिली। दरबार स्क्वेयर पर भी मलबा ही पड़ा मिला। दूसरी ओर भारतीय वायुसेना ने नेपाल में माउंट एवरेस्ट के समीप फंसे पुणे के 16 पर्वतारोहियों को निकाल लिया है। पर्वतारोहियों के साथ 11 वर्ष की बच्ची को भी सेना ने बाहर निकाला।

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