उपभोक्ता महंगाई दर घटकर 5.17 फीसदी पर पहुंची

नई दिल्ली : देश की उपभोक्ता महंगाई दर मार्च में गत तीन महीने के निचले स्तर 5.17 फीसदी पर रही। इससे उद्योग जगत को उम्मीद बंधी है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य दरों में कटौती कर सकता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर फरवरी 2015 में 5.37 फीसदी और मार्च 2014 में उपभोक्ता महगाई दर 8.25 फीसदी थी। दिसंबर 2014 में यह दर 4.28 फीसदी थी। शहरी क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता महंगाई दर मार्च में 4.75 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 5.58 फीसदी रही।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, फरवरी 2015 में शहरी क्षेत्रों के लिए उपभोक्ता महंगाई दर संशोधित करने के बाद 7.52 फीसदी रही और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संशोधन के बाद 6.43 फीसदी रही। मार्च में सब्जियों की महंगाई दर 11.26 फीसदी रही, जबकि चीनी साल-दर-साल आधार पर 2.61 फीसदी सस्ता हुआ। दूध और दुग्ध उत्पाद की महंगाई दर 8.35 फीसदी और फल की महंगाई दर 7.41 फीसदी रही। अनाज 2.32 फीसदी और दाल 11.48 फीसदी महंगा हुआ।

आंकड़े पर खुशी जताते हुए उद्योग जगत ने आम तौर पर कहा कि इससे रिजर्व बैंक को नीतिगत दरों में कटौती करने में सुविधा मिलेगी। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान में कहा, "महंगाई कम है और एक महीने पहले के मुकाबले भी कम है। इससे रिजर्व बैंक को महंगाई बढ़ने की चिंता किए बिना विकास को बढ़ावा देने के लिए दर कटौती जारी रखने की प्रेरणा मिल सकती है।" एक अन्य संघ पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि उपभोक्ता महंगाई दर में कमी से आर्थिक माहौल में मजबूती आएगी।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने कहा, "मार्च 2015 में खराब मौसम के बावजूद महंगाई दर में कमी उत्साह बढ़ाने वाली है और इससे पता चलता है कि देश में आपूर्ति पक्ष बेहतर स्थिति में है।" जायफिन रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री देबोपम चौधरी ने कहा कि महंगाई दर में नरमी और ब्याज दर में कमी से उपभोक्ता मांग बढ़ने में मदद मिलेगी।

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