राजस्थान में वीर सावरकर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस सरकार ने बदला इतिहास का पाठ्यक्रम

जयपुर: राजस्थान में सरकार परिवर्तन के साथ ही पाठ्य पुस्तकों में बदलाव हर दफा देखने को मिलता है. 2013 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, तो इस दौरान पाठ्य पुस्तकों में आमूलचूल बदलाव किए गए थे और इन बदलावों को कांग्रेस सरकार आने के साथ ही बदलना आरंभ कर दिया है. कांग्रेस सरकार जब सत्ता में आई थी तो उस वक़्त भाजपा सरकार में किए गए पाठ्यक्रमों में परिवर्तन करने को लेकर एक समिति का गठन किया गया था. 

इस समिति द्वारा 9वीं, 10वीं 11वीं और 12वीं की 6 पुस्तकों पर विचार किया गया था और अब इन पुस्तकों में परिवर्तन होना आरंभ हो गया है. दसवीं कक्षा की सामाजिक की पुस्तक में वीर सावरकर के पाठ में बहुत सा परिवर्तन किया गया है. जिसके बाद एक बार फिर से सियासी विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस सरकार द्वारा गठित की गई समिति ने 10वीं कक्षा की सामाजिक और इतिहास और 11वीं और 12वीं की इतिहास की पुस्तक में परिवर्तन करने के लिए पाठ्यक्रम को रोक लिया गया था. किन्तु अब समिति के फैसले के आधार पर इन सभी 6 पुस्तकों में बदलाव होना आरंभ हो गया है. 

बीते दिनों छपी दसवीं की सामाजिक के पाठ में वीर सावरकर का जो पाठ जुड़ा हुआ है, उसमें नई सरकार ने बहुत सा बदलाव किया है. नई पुस्तक के मुताबिक पाठ्यक्रम में वीर सावरकर को अंग्रेजो के खिलाफ झुकने वाला दर्शाया है. इसके साथ ही जेल की यातनाओं से बचने के लिए चार दफा ब्रिटिश सरकार से माफी की गुहार लगाने की भी बात बताई गई है.

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