रूस और ब्रिटेन के बीच टकराव की स्थिति

मॉस्को: ब्रिटिश प्रधान मंत्री थेरेसा मे ने बुधवार को 23 रूसी राजनयिकों को तत्काल प्रभाव से निष्काषित कर दिया. प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने एक पूर्व रूसी राजनयिक और उसकी बेटी पर नर्व एजेंट नामक रसायन के जरिए हमला करने के मामले में रूस को जिम्मेदार ठहराया है. इस आरोप के बाद उन्होंने रूस के 23 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. इस फैसले से ब्रिटेन और रूस के बीच टकराव बढ़ रहा है. 

ब्रिटेन के इस कदम पर रूस ने कड़ी नाराज़गी जताई है, इस पर रुसी विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि ब्रिटिश सरकार ने ही टकराव का विकल्प चुना है अब हमारी प्रतिक्रिया भी धीमी नहीं होगी. वहीं नाटो के सभी 29 देशों ने रूस से कहा कि वह पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में ब्रिटेन का सवालों का जवाब दे.  इस पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री का कहा है कि, पिछले वर्षों से अधिक की अवधि में यह एकसाथ हुआ सर्वाधिक लोगों का निष्कासन है और यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि यह पहली बार नहीं है जब रूसी सरकार ने हमारे देश के खिलाफ काम किया. इन निष्कासनों के जरिए हम ब्रिटेन में आने वाले वर्षों में रूसी खुफिया क्षमता को बुनियादी तौर पर कमजोर कर देंगे.’’

आपको बता दें कि पूर्व रूसी जासूस सर्गई स्क्रेपल(66) और उनकी बेटी यूलिया(33) पिछले सप्ताह जहर दिए जाने के बाद बेहोश हो गए थे. दोनों की हालत गंभीर है. रूस ने इस पूर्व जासूस और उनकी बेटी की हत्या के प्रयास में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है. इससे पहले भी शीतयुद्ध के समय भी दोनों देशों ने कई राजनयिकों को निष्कासित किया था. जासूसी के आरोप में उस दौरान ब्रिटेन ने पहले सोवियत यूनियन के 25 राजनयिकों को देश से निकाल दिया था. इसके बाद ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि दोनों देशों ने एक दूसरे के लगभग 31 राजनयिकों को देश से बाहर निकाल दिया.

चीन पडोसी मुल्कों को क़र्ज़ बांटकर भारत के खिलाफ रच रहा है साजिश

पाकिस्तान में अब इमरान खान पर फेंका गया जूता

पाकिस्तान में चरमपंथ से निपटने में मदद करेगा 'चौकस एप्प'

 

Related News