बहरी बिरादरी ने दिया प्रदूषण बचाने का संदेश

लखनऊ। सोमवार को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में नाटक बहरी बिरादरी का मंचन हुआ। एएल संचेती की लिखी कहानी में ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान को हास्य व्यंगों के साथ मिदहत खान के निर्देशन में बखूबी पेश किया गया।

नाटक की कहानी शुरू होती है मिश्रा जी के घर से। जहां मिश्राईन हमेशा उन्हें कोई बात पर तानें दिया करती है और कभी सुकून से बैठने नहीं देती है। वहीं मिश्रा जी भी अस्पताल में फैले भ्रष्टाचार से परेशान हैं। इसी तरह कोई पुलिस की ज्यादती से तंग है तो कोई दफ्तर में बॉस के काम के तरीकों से हताहत है। यह पात्र अपनी अपनी परेशानियों को लेकर मानसिक रोगी हो जाते हैं और सभी ध्वनि प्रदूषण के शिकार हैं। यह परेशान लोग एक यूनियन बनाते हैं और उसका नाम रखा जाता है बहरी बिरादरी।

यह बिरादरी अपने ही जैसे परेशान लोगों को अपनी यूनियन में शामिल करते हैं और उनकी बीमारियों को दूर करने के लिए नुस्खे देते हैं। इस यूनियन में लगभग सभी लोग ध्वनि प्रदूषण के शिकार हैं और अपनी जीवनलीला को समाप्त करना चाहते हैं। मगर बिरादरी के कुछ समझदार लोग उन्हें ऐसा करने से रोक कर कहते हैं कि आत्महत्या से बेहतर है कि इस ध्वनि प्रदूषण को खत्म करने पर काम किया जाये। नाटक में निजाम हुसैन, जावेद खान, फरीद, प्रियंका ठाकुर, राज सिंह कटारी, निहान, फैसल, आतिफ, इ फत रुखसार के अलावा सभी ने दमदार अभिनय किया।

 

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