ग्वालियर: भारत बंद के दौरान जो हिंसक आंदोलन हुआ, उसके लिए न कलेक्टर-एसपी जिम्मेदार हैं न ही कोई इंटेलिजेंस फेल्योर हुआ. जो भी गलती हुई, वह तो हमारे समाज में मौजूद जातिवादी मानसिकता का नतीजा है. उसकी वजह से हमें इस तरह का हिंसक आंदोलन देखने को मिला. यह कहना है प्रदेश के मुख्य सचिव का, जो ग्वालियर-भिंड व मुरैना के दौरे के बाद शनिवार को डीजीपी के साथ मोतीमहल स्थित मान सभागार में आम लोगों से मिलने के लिए आए थे. भारत बंद के दौरान 2 अप्रैल को हुए उपद्रव के बाद हालात देखने-समझने के लिए आए मुख्य सचिव तथा डीजीपी शनिवार दोपहर थाटीपुर में उस स्थान पर पहुंचे, जहां से उपद्रव भड़कने की शुरुआत हुई थी और गोली लगने से दो लाेगों की मौत हो गई थी. बैठक में डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को सवर्ण समाज द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर तरह-तरह की अफवाहें चल रही हैं. लेकिन अभी तक कलेक्टर या एसपी के पास किसी समाज विशेष ने 10 अप्रैल के बंद को लेकर औपचारिक अनुमति तक नहीं मांगी है. बैठक में अलग-अलग राजनीतिक दल, समाज के लोगों ने अपनी समस्याएं भी मुख्य सचिव व डीजीपी के समक्ष रखी. बड़ी खबर: SC/ST एक्ट पर हिंसा सुनियोजित थी-रिपोर्ट भीम आर्मी का 18 अप्रैल को दिल्ली जाम करने का प्लान जांच-प्रक्रिया अपनाए बिना सीधे अरेस्ट नहीं किया जाये- मप्र हाई कोर्ट