बुजुर्ग का दर्द सुन कलेक्टर हुई भावुक, तुरंत दिए कार्रवाई के आदेश

राजस्थान / अजमेर : अजमेर की कलेक्टर ए. आरुषि मलिक ने इंसानियत का परिचय दिया। जब वह मंगलवार को दोपहर के दौरान अपने चैंबर से बाहर निकलीं तो तपती धूप में पसीने से लथपथ और चलने में असमर्थ होने के बावजूद व्यथा सुनाने को आतुर एक वृद्ध को देखकर वे भावुक हो गईं। श्रीनगर में निवास करने वाले 68 वर्षीय बुजुर्ग लक्ष्मी नारायण का पत्र हाथ में थामने के बाद कलेक्टर को अहसास हुआ कि वृद्धावस्था की परेशानियों से जूझ रहा ये शख्स आपबीती सुनाना चाहता है कि गरीबी के कारण जीवन में कितने कष्ट और विपदाएं भुगतनी पड़ती है।

पत्र में भी लक्ष्मीनारायण ने यही ख्वाहिश जताई कि देश में गरीबी खत्म हो। कलेक्टर ने वृद्ध से कहा कि बाबा आप यह पत्र देने इतनी दूर से यहां आए हैं! क्यों इतनी गर्मी में परेशान हुए? आपको स्वयं कोई परेशानी हो तो बताओ। लक्ष्मीनारायण ने बताया कि वे कैंसर से पीड़ित हैं। श्रीनगर में सरपंच-अधिकारी मेरी कोई नहीं सुनता। कलेक्टर ने हाथोंहाथ पीए को आदेश देकर लक्ष्मीनारायण के इलाज, दवाएं और गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था कराने को कहा।

दरअसल कलेक्ट्रेट में मंगलवार को बैठक के बाद जैसे ही कलेक्टर अपने चैंबर से बाहर निकली तो अनेक फरियादी उनके पास गए। लक्ष्मीनारायण बड़ी मुश्किल से घिसटकर वहां तक पहुंचे, तब तक कलेक्टर कार में बैठ चुकी थीं। जैसे ही कार से कलेक्टर की नजर उन पर पड़ी तो वे वापस उतरकर आई और लक्ष्मीनारायण की व्यथा सुनी। लक्ष्मीनारायण ने पत्र में बताया कि देश में खुशहाली अमन-चैन लाने के लिए गरीबी मिटाना जरूरी है। चोरियां, डाका, आतंकवाद और औरतों पर जुल्म होना बंद होना चाहिए।

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