नईदिल्ली: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रही जंग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने असंतोष जताया है, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोनों के बीच चल रहे विवाद पर तल्खी से कहा है कि आखिर हो क्या रहा है। यह किस तरह की शासन प्रणाली है। लोग एक अच्छी सरकार चाहते हैं। मिलकर काम करने के स्थान पर लोग अधिकारियों के कार्यालयों को ही बंद कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश रोहिणी और न्यायमूर्ति आरएस एंडलों की खंडपीठ ने हाल ही में अप्लसंख्यक समुदाय को स्कूलों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को भर्ती करवाने के लिए दिशा - निर्देशों को चुनौती और विकलांगों के लिए ध्सनियुक्त यातायात सिग्नल के साथ अन्य सुविधाऐं प्रदान करने को लेकर सुनवाई की जाएगी। सरकार और केंद्र सरकार की ओर से कोई भी वकील पेश नहीं हुआ। अदालत ने दोनों सरकारी वकीलों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। यही नहीं कहा गया है कि दिल्ली सरकार के वकील कोर्ट में हाजिर हैं, उन्होंने कहा कि खंडपीठ को लेकर कुछ समय की जरूरत है। यही नहीं सरकार के मामलों को लेकर लगभग 9000 फाईलें पेंडिंग हैं। अभिभाषक के कामकोज को लेकर न्यायालय ने आपत्ति ली है। दूसरी ओर यह भी कहा गया है कि अदालतों को निमंत्रण देकर बुलाना होगा। दूसरी ओर सरकारें बदलती रहती हैं मगर समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। यही नहीं केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार को आपस में तरकरार करने को लेकर कहा गया कि जब भी आपके पक्षकरों को बुलवाया जाता है आप हाजिर नहीं होते, कई बार तो ऐसा होता है कि एक मामला काफी लंबा चलता है। यही नहीं कई बार दोनों पक्षकारों को बार बार नहीं बुलाया जा सकता है। उन्होंने सरकारी वकील को जल्द से जल्द उत्तर दायर करने के निर्देश दिए।