मॉब लिंचिंग पर कमलनाथ सरकार बनाएगी कड़ा कानून, जानिए क्या?

आज के समय में मॉब लिंचिंग एक बड़ी घटना बन चुकी है और अब गाय के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कड़ा कानून बनाने जा रही है. जी हाँ, खबरों के मुताबिक़ इस कानून के तहत खुद को गोरक्षक बताकर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सरकार ये संशोधित विधेयक विधान सभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है. वहीं अगर विधेयक पारित होता है तो मध्य प्रदेश में इस तरह के मामलों के लिए अलग से कानून बन जाएगा.

अभी क्या है कानून - आप सभी को बता दें कि मध्य प्रदेश में अभी जो कानून लागू है, उसके तहत गोवंश की हत्या, गोमांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक है. वहीं इसमें गोवंश के नाम पर हिंसा या मॉब लिंचिंग का जिक्र नहीं है.

संशोधित कानून कैसा होगा - संशोधन के बाद अब कोई व्यक्ति गोवंश का वध, गोमांस और गोवंश का परिवहन, मांस रखना या सहयोग करना या इसके अंतर्गत कोई हिंसा या क्षति नहीं करने पर पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होने वाला है.

 

गोरक्षा के नाम पर सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग - देश में 2009 से 2019 तक हेट क्राइम के 287 बड़े मामले हुए हैं और इन मामलों में 98 लोगों की मौत हुई है, जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं. इन सभी में सबसे ज्यादा 59% मुस्लिम, 14% हिंदू और 15% ईसाई हैं और सबसे ज्यादा 28% हमले गोरक्षा के नाम पर, 13% हमले दो धर्म के लोगों में प्रेम प्रसंग पर, 9% धार्मिक हिंसा और 29% हमले अन्य कारणों से हुए. वहीं गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं और इन मामलों में 48 लोगों की मौत हुई. जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.

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