उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया न्यायलय के आदेश का उल्लंघन

भारतीय उच्च न्यायलय ने 13 मई को निर्णय लिया था की कोई राजनेता अब किसी भी विज्ञापन में दिखाई नहीं देगा. लेकिन उम्मीदों के प्रदेश उत्तरप्रदेश के युवा मुख्यमंत्री कानून के इस आदेश पर खरे नहीं उतर रहे है. कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायधीश की तस्वीरें प्रकाशित करने पर प्रतिबन्ध लगाया था.

आखिरकार युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्देश के उल्लंघन का उपाय निकाल ही लिया.                                       युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का  कुछ समाचार पत्रो में "उम्मीदों का प्रदेश, उत्तर प्रदेश लाइन के साथ खेलों के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के उल्लेखनीय प्रयास" में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ल का फोटो एक साथ प्रकाशित किया गया है.

एक अन्य विज्ञापन में अकेले मुख्यमंत्री का चित्र छपा है.                                                                                     इस बारे में प्रदेश के प्रमुख सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वे नियमो का उल्ल्घन नहीं कर रहे है. खेलो के विकास के लिए उल्लेखनीय प्रयास वाला फोटो एक कार्यक्रम का है, इस फोटो में सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं बल्कि उनके साथ आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ल भी है. दूसरे विज्ञापन की सफाई में कहा की ये एक एवर्डटोरियल है.

प्रदेश के एडवोकेट जनरल ज़फरयाब जीलानी ने कहा कि अभी उन्हें ये नहीं मालूम कि सुप्रीम कोर्ट विज्ञापन में राजनेता के न होने का आदेश दिया है या ये मात्र एक टिप्पणी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इसे गलत बताया. उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि खुद कह चुके है कि प्रदेश की जनता उन्हें नहीं जानती है. इसलिए अपनी पहचान जनता के बीच बनाने के लिए वो विकास के सराहनीय कार्य करने की जगह वे कोर्ट के आदेश के अवेहलना कर रहे है"

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