Christmas 2018 : क्रिसमस ट्री से जुड़ी ये आश्चर्यजनक बातें आप भी नहीं जानते होंगे

जल्द ही क्रिसमस आने वाला है ऐसे में हर जगह इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने की तैयारियां जोरो-शोरो से की जा रही हैं. आज तक आपने भी कई सारे क्रिसमस ट्री देखे होंगे लेकिन क्या आपको इसके प्रयोग के बारे में पता है. आपको बता दें क्रिसमस ट्री का सामान्य रूप से विश्व के यूरोपीय देशो बेल्जियम , नार्वे , स्वीडन तथा हॉलैंड में तो भुत भगाने के लिए किया जाता था.

इसके साथ ही एक ऐसी भी मान्यता है कि क्रिसमस ट्री को क्रिसमस पर सजाने पर सजाने की परम्परा जर्मनी से प्रारम्भ हुई. जी हाँ... 19वी सदी तक यह परम्परा इंग्लैंड में पहुंच गयी जहां से सारे विश्व में यह प्रचलन में आ गयी. आपको बता दें अमेरिका में इसे जर्मनी के अप्रवासियो ने आरम्भ किया था. इतना ही नहीं क्रिसमस ट्री की कहानी प्रभु यीशु मसीह के जन्म से है. दरअसल जब उनका जन्म हुआ था तब उनके माता पिता मरियम एवं जोसेफ बधाई देने वालो ने एक सदाबहार फर को सितारों से रोशन किया था. बस तब से लेकर आज तक ये सदाबहार क्रिसमस फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में सजाया जाता है.

आपको बता दें प्राचीन इतिहास और कुछ कथाओं से भी यह पता चला है कि क्रिसमस ट्री का वृक्ष अदन के बाग़ में भी लगा था. जब हवा ने उस वृक्ष के फल को तोड़ा, जिस परमेश्वर ने खाने ने मना किया था.तब इस वृक्ष की वृद्धि रुक गयी और पत्तियां सिकुड़ कर नुकीली बन गयी. ऐसा कहा जाता है कि इसलिए ही इस पेड़ की वृद्धि उस समय तक नही हुई , जब तक प्रभु यीशु का जन्म नही हुआ.

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